सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी रहत देते हुए नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी रहत देते हुए नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया
कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार वर्ष 2016 मैं अचानक नोटबंदी का ऐलान कर दिया था सुप्रीम कोर्ट में आज इसके खिलाफ सुनवाई हुई
केंद्र सरकार के नोट बंदी पर सुनवाई करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीनचिट दी है जज ने कहा नोट बंदी प् सररकार का फैसला सही है और आर्थिक फैसले को बदला नही जा सकता सभी याचिकाओ को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है
इस दिन लिया गया था नोट बंदी का फैसला
8 नवम्बर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश को संबोधित करते समय नोटबंदी का ऐलान किया था जिसने 500 और 1000 के नोट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया गया था इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर आज भी सवाल उठाता है राहुल गाँधी ने नोटबंदी के इस फैसले को सरकार की बड़ी विफलता बताया था पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को सही करार दिया है
सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार का जबाब
याचिका के जबाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा की आतंकवादी गतिविधियों जाली नोटों बेहिसाब धन से लड़ने इ लिए नोट बंदी जैसे कदम उठाना पड़ा नोट बंदी को अन्य सभी सम्बंधित आर्थिक नीतिगत उपायों अलग नही देखा जाना चाहिए नोट बंदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को लाभ पंहुचा है नोट बंदी ने नकली करेंसी काफी हद तक सिस्टम से बाहर कर दिया
न्यायमूर्ति एस.ए नजीर की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संबिधान पीठ इस मामले पर फैसला सुनाया न्यायमूर्ति नजीर ,न्यायमूर्ति गवई और न्याय मूर्ति नागरत्ना के अलावा अन्य सदस्य न्यायमूर्ति ए .एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी.रामासुब्रमण्यम है इस फैसले में 4 जजों का बहुमत हासिल हुआ जबकि न्यायमूर्ति नागरत्ना ने सरकार के नोटबंदी के इस फैसले को गलत बताया कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 में 500 और 1000 रू के नोट को बंद करने के फैसले का प्रासंगिक रिकार्ड पेश करे
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